Sunday, 3 January 2021

अद्भतु योजना

बीमा सुरक्षा धनसंचय और नियमित आय के रंग।                                                  

इन्द्रधनषु सी शोभा लाई “LIC की जीवन उमंग” ।।         


शतायु (100 वर्ष ) तक जो साथ रहेगी हर पल आपके संग।


ये विश्वास दिलाती सबको LIC की जीवन उमंग।।

जीवन उमंग पालिसी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :

 बचपन से पचपन तक (90 दिन से 55 वर्ष की आयु तक

• प्रवेश के समय अधिकतम आयु :-


प्रीमियम देय  पूर्ण होने की न्यूनतम आयु : 30 वर्ष
प्रीमियम देय अवधि के पूर्ण होने के समय अधिकतम आयु : 70 वर्ष
परिपक़्वता पर आयु : 100 वर्ष 
प्रीमियम भुगतान विधि : 
                                    1. वार्षिक 
                                    2. अर्ध वार्षिक 
                                    3. त्रैमासिक 
                                    4. मासिक (NACH/SSS)
न्यूनतम बीमाधन : ₹200000/- 
अधिकतम बीमाधन : ₹25000 के गुणांक में कोई सीमा नहीं
वैकल्पिक राइडर उपलब्ध। 

हित-लाभ :

मृत्यु हित-लाभ : 
जोखिम प्रारंभ होने से पहले मृत्यु होने पर : कुल जमा प्रीममयम की वापसी। 
जोखिम प्रारंभ होने की तिथि के बाद मृत्यु होने पर: बीमाधन + बोनस + अंतिम अतिरिक्त बोनस
•धनवापसी: पालिसी अवधि तक बीमाधन का 8%
•परिपक्वता हित-लाभ: 
बीमाधन + बोनस + अंतिम अतिरिक्त बोनस
•यदि बीमा धारक की उम्र 8 वर्ष से कम है तो जोखिम तिथि पालिसी प्रारंभ तिथि (DOC) के 2 वर्ष उपरांत या बीमाधारक की 8 वर्ष आयु पूर्ण होने के उपरांत पालिसी प्रारंभ तिथि पर निर्धारित होगी।
•यदि बीमाधारक की आयु 8 वर्ष या उससे अधिक है तो जोखिम तिथि ,पालिसी प्रारंभ तिथि (DOC) से ही प्रारंभ हो जाएगी। . 
क्या कारण है कि  “जीवन उमंग” ग्राहकों को इतना ज्यादा पसंद आ रही है ?

कोई बता सकता है ??


•सबसे पहले ये समझना होगा कि किस-किस ग्राहक संवर्ग के लिए ये योजना उपयुक्त है। 

आइये देखते हैं की “जीवन उमंग" को ग्राहकों को किस तरह से उपयुक्त है। .. 
# वैसे सरकारी ,अर्ध-सरकारी , प्राइवेट संस्थानों में नौकरी करने वाले अधिकारी कर्मचारी जिनके पास रिटायरमेंट पर पेंशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। 
# वो व्यवसायी जो अपने बुढ़ापे में एक नियमित आय (पेंशन) लेना चाहते हैं और आत्मनिर्भर बने रहना चाहते हैं। 
# वैसे माता-पिता जो अपने बच्चों को ज़िंदगी भर के लिए एक निश्चित आय का उपहार बर्थ-डे, वैवाहिक वर्ष गाँठ की तिथि पर देना चाहते हैं।
# युवाओं द्वारा अपने माता-पिता को देने लायक एक अनुपम उपहार।
# वो पति-पत्नी जो अपने वैवाहिक वर्ष गाँठ का उपहार ज़िंदगी भर के लिए सुनिश्चित करना चाहते हैं या वैवाहिक वर्ष गाँठ पर मिलने वाली राशि से पूरी ज़िंदगी हनीमून या तीर्थ यात्रा पर जाना चाहते हैं।

मख्यु आकर्षण :-

v15 वर्ष तक जितना प्रतिवर्ष जमा करेंगे, 

हम उतना प्रतिवर्ष पूरी ज़िंदगी वापस देंगे।

v20 वर्ष तक जितना प्रतिवर्ष जमा करेंगे , 

हम उसका डेढ़गुणा प्रतिवर्ष पूरी ज़िंदगी वापस 

देंगे 

v25 वर्ष तक जितना प्रतिवर्ष जमा करेंगे ,

हम उसका दो-गुणा प्रतिवर्ष पूरी ज़िंदगी 

वापस देंगे 

v30 वर्ष तक जितना प्रतिवर्ष जमा करेंगे , 

हम उसका दो-गुणा प्रतिवर्ष से भी ज्यादा पूरी 

ज़िंदगी वापस देंगे 


(बीमाधन के 8% का भुगतान जज़िंदगी भर)

ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार पेंशन की गणना। 



ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार पेंशन की गणना। 

यदि आप CNA (पूंजीगत आवश्यकता विष्लेशण), HLV (मानव जीवन मूल्य ) और नेट-वर्थ (कुल-

मूल्य ) के सिद्धांत को जानते हैं तो  कठिन से कठिन ग्राहक भी आप से बीमा ख़रीदने के लिए 

मज़बूर हो जाएगा! 

लेकिन आपको इन तीन अवधारणाओं को 100% शुद्धता के साथ जानना होगा। अधिकांश 

अभिकर्ताओं को यह नहीं पता है!

अगर आप CNA के बारे में नहीं जानते हैंतो चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि इस योजना में 

रेडीमेड CNA की गणना करने की सुविधा है।

 

आप अपने किसी भी ग्राहक को मानसिक शांति प्रदान कर सकते हैं उनकी मासिक 

आय को 150 से गुणा कर। यह 150 गुणा क्या है?

चलिए एक उदाहरण देखें। 

 

मन लीजिए एक व्यक्ति श्री राजू मेहता को 25,000 मासिक आय की आवश्यकता है। तो बीमाधन कितनी होनी चाहिए 25,000 x 150 = 37,50,000

 

15-20-25 या 30 वर्ष की प्रीममयम देय अवधि का चयन ग्राहक के ऊपर छोड़ दीजिए।

25,000 प्रततमाह पेंशन की  राशि गारंटीकृत है।

लेकिन भगवान ना करे, अगर इस इस अवधि के दौरान कोई दुर्भाग्य पूर्ण घटनाू घट जाती है, तो उसके परिवार को (37,50,000 + बोनस) साधारण मत्यृुदावा के रूप में और (75,00,000 + बोनस) दुर्घटना जनित मृत्यु दवा के रूप में मिलेगा।

यदि यह राशि 8% की दर से किसी बैंक में जमा की जाती है, तो परिवार को रु०25,000 प्रति माह मिलेगा।

लेकिन, एलआईसी बैंक से बेहतर है; क्योंकि बैंक टीoडीoएसo घटाएगा और आजीवन 8% की गारंटी नहीं दे सकता है!

हमारे देश में 18,000 से भी ज्यादा वित्तीय योजनाएं लेकिन केवल और केवल एलo आईo सीo के माध्यम से आजीवन पेंशन संभव है और वह भी केवल इसी योजना में इसकी गारंटी है।

इसलिए, किसी भी ग्राहक के लिए सीएनए (CNA:- पूंजीगत आवश्यकता विश्लेषण) की गणना आसानी सेऔर सीधे की जा सकती हैऔर यह इस योजना के इतनी बड़ी संख्या में बिकने की सबसे बड़ी वजह है।

एक संपत्ति के रूप में परिवार को उपहार देनें के लिए 

पॉलिसी धारक की मृत्यु के बाद संपत्ति के रूप में यह योजना किसी भी अन्य योजना से बेहतर साबित हो सकती है। यदि बीमाधारक केवल 15 वर्ष की अवधि का चयन करता हैतब भी बोनस और FAB 100 वर्ष की उम्र तक उपलब्ध होगा।

 

आइये एक उदाहरण द्वारा इसे समझने का प्रयास करते हैं। यदि श्री राजूमेहता जिनकी उम्र 30 वर्ष है वे 37,50,000 बीमाधन की जीवन उमंग पॉलिसी 15 साल की प्रीमियम देय अवधि के साथ लेते हैं और उनकी मृत्यु 70 वर्ष की उम्र में हो जाती है तो उनके परिवार को मिलने वाले भगतान कुछ इस तरह होंगे:

सबसे पहले श्री राजू मेहता को 25,000 रु० की कर मक्तु पेंशन 70 वर्ष की उम्र

तक मिलेगी। इसका मतलब है कि उसे 3,00,000 रुपये लगातार 25 साल तक

मिलेंगे यानि  कुल 75,00,000 रु०। यदि राजू मेहता की मृत्यु 70 वर्ष की उम्र मे

 

हो जाती है, तो उनके परिवार को मिलने वाले मृत्यु दावा भगतान की गणना करते हैं:- 

इस योजना के तहत, दो बोनस हैं

 पहले PPT के दौरान और दसरेू PPT के बाद

 LIC के लाभ चित्रण के अनुसार (IRDA के निर्देशानुसार 8% के आधार पर):- प्रीममयम देय अवधि के दौरान बोनस 52रु०/1000 बीमाधन अंतिम अतिरिक्त बोनस 1775रु०/1000 बीमाधन जबकि प्रीमियम देय अवधि के बाद बोनस 26रु०/1000 बीमाधन। इसलिए अगर राजू मेहता की मृत्यु 70 वर्ष की उम्र में हो जाती है, तो उनके परिवार को प्राप्त होगा- रु० 37,50,000 (बीमाधन) + रु० 29,50,000 (PPT तक का बोनस) + रु० 24,37,000 (PPT के बाद का बोनस) + रु० 66,56,250 (कुल FAB) = कुल रु० 1,57,93,250.

 

क्या यह अविश्वसनीय सम्पत्ति निर्माण नहीं है?

कन्यादान योजना

 

माता-पिता अपनी बेटी का लालन पालन बहुत प्यार और दुलार से करते हैं। 

आज पहले की अपेक्षा बेटियों की पढाई पर ज्यादाखर्च किया जा रहा है क्योंकि कहीं न कहीं माता पिता के दिल में यह होता है कि मेरी बेटी पढ़ लिख कर आत्म आत्मनिर्भर बने।

हर माता-पिता अपनी क्षमता के अनुसार अच्छा से अच्छा ससुरालु और वर ढूंढते हैं अपनी बिटिया के लिए, लेकिन फिर भी समाज म क्या क्या हो रहा है ये हम सभी देख रहे हैं।

 

क्यूँ न जीवन उमंग के रूप में आजीवन आत्मनिर्भरता अपनी बेटियों को उपहार स्वरुप दें।

परिवार का एक अतिरिक्त सदस्य :

अधिकांश परिवारों में दो बच्चे होते हैं और उनके माता-पिता अपना अधिकतम धन लगभग 25 वर्षों में अपने बच्चो की ज़रूरतों, शिक्षा तथा विवाह आदि में खर्च क्र देते हैं जिस से कि उनके बच्चे अपने जीवन में खुश रह सकें। 


यानि अपने जीवन की युवा अवस्था के साथ साथ प्रौढ़ अवस्था भी अपने बच्चों का जीवन संवारने में व्यतीत क्र देतें हैं ताकि उनके बच्चे भावी जीवन में स्थापित हो सकें और बुढ़ापे में उनकी सेवा कर सकें। 

यदि ये मातापिता अपने बच्चों की परवरिश के साथ-साथ जीवन बिमा पॉलिसी के रूप में एक बच्चा गोद लेकर उसकी भी उचित परवरिश करें तो सोचिए क्या होगा?

यदि माता-पिता ये समान राशि प्रतिवर्ष अपनी जीवन बिमा पालिसी के लिए दें जितनी राशि वे अपने बच्चे की परवरिश या शिक्षा पर खर्च कर रहें थे तो 25 वर्ष पश्चात् दोनों में तुलना करने पर माता-पिता को कभी निराशा नहीं होगी।  

हो सकता है कि 25 वर्ष बाद आपकी संतान आपकी देखभाल कर पाए या नहीं भी करे लेकिन जीवन बीमा पालिसी आपको आर्थिक मदद ज़रूर करेगी। 

हो सकता है कि आपात स्थिति में आपके परिवार की ज़िम्मेदारी आपके रिश्तेदार लें या ना भी लें लेकिन जीवन बीमा पालिसी आपकी पत्नी और बच्चो की आर्थिक ज़िम्मेदारी ज़रुर लेगी। 

(मृत्यु दावा भुगतान के रूप में )

हो सकता है कि आपका जीवन साथी आपसे बिछड़ने के पश्चात् आपके त्याग को भूल जाये लेकिन जीवन बीमा पालिसी के रूप में दिए गए आपके प्यार को कभी भुला नहीं पाएगा। 

     हो सकता है कि आप अपनी बेटी की बेटी के विवाह में उपस्थित न हो पाएं पर जीवन बीमा पॉलिसी आपकी उपस्थिति वहां ज़रूर दर्ज़ करवाएगी। 

   हो सकता है कि आप अपनी आयु से अधिक  न जी पाएं पर जीवन बीमा पॉलिसी आपके जीवन को याद के रूप में कई वर्षों तक जिन्दा रखेगी।

      सोचें उचित समय पर ली गई एक जीवन बीमा पॉलिसी आपको भविष्य में कितने सुख़ दे सकती है।

राइडरस : इस योजना में वैकल्पिक राइडर उपलब्ध हैं।

अधिकतम तीन राइडर्स को चुना जा सकता हैं :

(1) दुर्घटना मृत्यु एवं स्थाई अपंगता हिट लाभ राइडर - प्रीमियम भुगतान अवधि के दौरान, अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को दो-गुणा बीमाधन+बोनस प्राप्त होगा।

इस राइडर का लाभ पालिसी धारक को 70 वर्ष की उम्र तक मिलेगा।  सिमित प्रीमियम देय अवधि के बावज़ूद पालिसी धारक को 70 वर्ष की उम्र तक स्थायी विकलांगता हितलाभ की सुविधा भी मिलेगी। 

या 

दुर्घटना मृत्यु राइडर - प्रीमियम देय अवधि के दौरान दुर्घटना द्वारा आकस्मिक मृत्यु के कारन पॉलिसी धारक अतिरिक्त बीमाधन भुगतान का चयन कर सकती है।  

(2)टर्म राइडर- अधिकतम 35 वर्ष या 75वर्ष की उम्र तक, जो भी पहले हो, पॉलिसी धारक को एक अतिरिक्त बीमाधन के चयन की सुविधा उपलब्ध है।

(3)गंभीर बीमारी राइडर– केवल सरकार नौकर  या प्रोफेशनल कैटेगरी  के बीमा धारकों के लिए उपलब्ध।अधिकतम 35 वर्ष या 75 वर्ष की उम्र तक दोनों में जो भी पहले हो, बीमा धारक को गंभीर बीमार  हितलाभ की सुविधा उपलब्ध होगी।अगर बीमा धारक को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है आगे का प्रीमियम माफ़ कर दिया जाएगा और बीमाधन का तत्काल भुगतान बीमार  का ईलाज कराने के लिए किया जाएगा।


ऋण सुविधा और विस्तारित अवधि ऋण सुविधा :

पॉलिसी की शुरुआत के 3 वर्ष उपरांत बीमा धारक ऋण लेने का हक़दार हो जाता है लेकिन इस पॉलिसी में वह प्रीमियम देय अवधि के बाद भी ऋण ले सकता है।यदि बीमा धारक प्रीमियम देय अवधि के बाद ऋण लेता है तो ब्याज की कटौती उसके मनीबैक की राशी से भी की जा सकती है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई ग्राहक 1 करोड़ की पालिसी खरीदता है, तो 15 साल बाद उसे 8,00,000 रु० की पेंशन मिलेगी।अगर वह चाहे तो 1.25 करोड़ का ऋण ले सकता है और उसके ब्याज की कटौती मनी बैक की राशी से की जाएगी। 

कर लाभ: इस योजना के अंतगणत 5 प्रकार के कर लाभ उपलब्ध हैं: 

(1) 1.50लाख रु० तक प्रीममयम आयकर की धारा 80 (C) के अंतगषत कर-मुक्त है।

(2) प्रीममयम देय अवधि के बाद बीमाधन का 8% लाइफटाइम पेंशन आयकर की धारा 10(10D) के अंतर्गत 100% कर-मुक्त है।

(3) परिपक्वता लाभ आयकर की  धारा 10(10D) के अंतर्गत 100% कर-मुक्त है।

(4)स्थायी अपंगता हितलाभ का भुगतान आयकर की धारा 10(10D) के अंतर्गत 100% कर-मुक्त है।

(5) मृत्यु दावा भुगतान आयकर की धारा 10(10D) के अंतर्गत 100% कर-मुक्त है।

क्या जीवन उमंग योजना से जुड़ी कोई अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण आप चाहते हैं???


धन्यवाद !!



















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